The smart Trick of bhoot wala kahani That No One is Discussing
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गौरब डर कर भाग ने की कोसिस कर रहा था की उस औरत की आत्मा ने उसका एक हात पकड़ लिआ। और गौरब से बिनती करने लगा की मेरी मदद करो। यह सुनकर गौरब चौंक गया।
वो बोला “क्योंकि उसके पिता उससे थोड़ी दुरी पर थे और उन्होंने भी वहीँ आवाज सुनी थी मतलब उनकों बुलाने की। उनकी ही आवाज में कोई उनके बेटे को अपनी ओर पुकार रहा था।”
" तो आपकी ज़िंदगी मे जो भी हॉरर एक्सपीरियंस हुईं हैं उसे बताईये मामा" मैंने उत्सुक से कहा था।
आज की युवा पीढ़ी भूत और आत्माओं के होने पर विश्वास ...
" किदर है रे भूत। भूत भूत चिल्लारहा है। अच्छा खासा थक्के सोया था। जगाया तूने। किदर है भूत? सामने आए मेरे मारके भगा दूंगा। भूत वूत कुछ नहीं होता। साला भूत से डरता है...." गुस्से में उससे और भूत को बहुत कुछ कह गया। लेकिन फिर भी बिस्नु बोल रहा था कि कोई उसका गर्दन ज़ोर से दबा रहा था। फिर मेरे बहुत कहने पर उससे हिम्मत आयी और वह फिर इस्त्री मेज के नीचे सो गया। उसके बातों से विट्टल को गबराहट हुई लेकिन फिरभी वह हिम्मत से सो गया।मैंने लाइट ऑफ की और सोफे पे लेट गया। तबी मुझे हुई वह भयानक अहसास जो पहले कभी नही हुई!!!
भूतों के गुरुजी अपने असली भूतिया रूप में आ गए और पहलवान से माफी मांगी। पहलवान गुरु जी से पूछता है - उनको छोड़ने के बदले उनकी क्या सजा होगी। गुरुजी ने अपने आप ही स्वीकार कर लिया कि जितना राशन पहलवान के घर पर आता है अब उसका दुगना राशन पहलवान के घर पर भिजवा दिया जाएगा। जिसके पास बाद पहलवान गुरुजी को छोड़ देता है।
"तो फिर इन भूतों को माँस मछली पसंद होती है!!" मैंने आश्चर्य से कहा था!
आज भी इस मकान की विरानी में लोग रूहों के इधर उधर दौड़ने और पेड़ों पर हवा के साथ झुलने को महसूस करते है। मिर्लेस प्लांटेशन के अन्दर सारा के कमरे के ठिक बगल में एक हाल है जहां एक पुराना सीसा लगा हुआ, कइ लोगों ने इस बात का दावा किया है कि इस सीसे में कभी कभी एक महिला जो कि सफेद लिवास में है और गर्दन झुकी हुयी, आंखों पर काले घेरे और उसका एक हाथ आपकी तरफ इशारा करता है। जैसे कि वो आपकों बुला रही है, इस रूप में देखा गया है। वहीं सारा के कमरे में एक पुराना प्यानों रखा हुआ है जो कि दिन भर में कई बार अपने आप बज उठता है।
वो बोला कि मैं तो यहीं था। मैं तो बाथरूम गया ही नहीं हूँ। तुम क्या बोल रहे हो।
! लेकिन राजेश आंखें बंद कर चुपचाप सो गया। लेकिन जब वह सुबह उठा तो पानी का गिलास खाली था और उसके ऊपर रखी प्लास्टिक क्लोज़र को वैसे ही गिलास के ऊपर रखा था। राजेश ने इस बारे में हम सबसे पूछा तो हम सब चौक गए। हुममेसे कोई अंदर नही गया न कि वह पानी पीया। हम सभीने सौगन्ध खाके बोला। आज भी हम पानी की गिलास खाली होने की उस अजीब घटना की बारेमे चर्चा करते हैं कि आखिर वह पानी कहाँ गयी। उसे किसने पीया था।भूत ने!!? क्या हुआ था उस रात को उस गिलास के सात। यह राज़ ही रह गया।
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उस ताड़ के पेड़ के पास एक महिला अपने पति व एक बच्चे के साथ रहती थी। उसका पति बड़ा ही धूर्त व आलसी किस्म का शख्स था और उसे बात-बात पर झूठ बोलने की आदत थी। इस वजह से वह महिला अपने पति से बेहद परेशान रहती थी। काफी दूर तक पैदल चलने के बाद जब मोहन ताड़ के पेड़ के पास पहुंचा तो वह औरत घर के बाहर निकली। घर के आंगन में प्रवेश करते हुए मोहन लड़खड़ा कर गिर पड़ा और उसका एक हाथ औरत के गाल पर तमाचे की तरह लग गया।
इस रूप में, उस चुप्पी वाले कब्रिस्तान ने एक नये रूप में जीवन को more info स्वीकार करने की राह दिखाई, और लोगों को जीवन के सच्चे मायने समझाने का एक नया दृष्टिकोण प्रदान किया।
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